हिंदी दिवस सूत्रसंचालन | 14 सप्टेंबर हिंदी दिवस सूत्रसंचालन PDF | राष्ट्रीय हिंदी दिवस माहिती | 14 September Hindi Diwas Anchoring

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स्वागतम... स्वागतम... स्वागतम ...॥

हिंदी दिवस के समारोह के अवसर पर मै. सबसे पहले आप सभी को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देता हुं और हिंदी दिवस के समारोह के लिए मौजूद सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करता हुं ।

धरती का श्रृंगार है हिन्दी ।

जीवन का आधार है हिन्दी ॥

कभी लगे माँ की ममता सी ।

कभी पिता का प्यार है हिन्दी ||

भाषा कौन जगत् में आला ।

एक नहीं सौ बार है हिन्दी ||

नित नित बढ़ता इसका दायरा ।

सात समंदर पार है हिन्दी ||

हिंदी की महिमा का ही प्रमाण है कि आज विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के 43 विश्वविद्यालयों में हिंदी का अध्ययन कराया जाता है। आज भी हिंदी पूरे विश्व में अंग्रेजी, चीनी के बाद सबसे ज्यादा बोले जानी तीसरी भाषा है । 42 करोड़ जनता भारतवर्ष में प्रतिदिन हिंदी का दैनिक भाषा के रूप में उपयोग करती है । वही 38 करोड़ लोग प्रतिदिन विदेशों में इसका प्रयोग करते है ।

अध्यक्ष चुनाव :

मंच रौशन हुआ जगमगाहट मिली

हर्ष आनंद की खिलखिलाहट मिली

आपके आगमन से श्रीमान जी

हर किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट खिली

हिंदी दिवस के समारोह का अध्यक्षस्थान, जो कि अपने सामाजिक कार्य और समर्पणभाव के बारे में जाने माने और प्रसिद्ध हैं, ऐसे श्रीमान / श्रीमती. _________ . स्वीकारे ऐसी मै उन्हे विनती करता हूं।

(सहकारी शिक्षक / शिक्षिका इस विनती को सब कि तरफ से अनुमती दे ।)

हमारा भाग्य है कि आज के समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में, श्रीमान / श्रीमती. _______& हमारी विनती का स्वीकार कर यहा पधारे मैं उनका भी सहृदय स्वागत करता हूं ।

प्रतिमा पूजन / दीपप्रज्वलन :

उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों से विनती हैं कि वे दीपप्रज्वलन / प्रतिमा पूजन करे ।

दीप प्रज्वलन होते हैं

तो अंधेरे में उजियाला होता है ।

दीप प्रज्वलन से ही चेहरे पर 

खुशी झलकती है।

दीप प्रज्वलन से ही

हर दिल में खुशी होती है ।

दीप प्रज्वलन से ही

घर गलियारों में उजाला है ।

हिंदी मेरे रोम-रोम में बसती है ।

इससे ही तो रोशन मेरी हसती है ।।

सबसे न्यारी, सबसे प्यारी भाषा है हिंदी ।

ये तो चमकती मेरे माथे पर वो है बिंदी ||

मैं सभी गणमान्य व्यक्तियों से विनती करता हूं की सभी अपना आसन ग्रहण करे, धन्यवाद !

गणमान्य व्यक्तियों का परिचय :

गणमान्य व्यक्तियों का उनके सामाजिक प्रतिष्ठा और कार्य के अनुसार परिचय । अध्यक्ष : श्रीमान / श्रीमती. ____

मुख्य अतिथि : श्रीमान / सौ ----

गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत :

( पुस्तक / पौधें के रूप में भेट देकर स्वागत करे । )

हथेली पर सूरज उगता है,

सुना था आज देख लिया ।

उम्मीद मिल जाए तो मन हवा में,

उड जाता है देख लिया ।

आप यहा पधारे,

हमारे हौसलों को तो पंख लग गये

मानो अच्छे इंसान के साथ कैसे,

जहाँ जुड जाता है देख लिया ।

स्वागत करनेवाले : ---------------

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प्रस्तावना :

आज के हिंदी दिवस कार्यक्रम कि प्रस्तावना श्रीमान / श्रीमती. ____ करेंगे ।

हिन्दुस्तान की है शान हिंदी,

हर हिन्दुस्तानी की है पहचान हिंदी |

एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी,

हर दिल का अरमान है हिंदी ।

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् 1953 से संपूर्ण भारत में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

इतिहास : वर्ष 1918 में महात्मा गांधी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने को कहा था। इसे गांधी जी ने जनमानस की भाषा भी कहा था।

वर्ष 1949 में स्वतन्त् भारत की राजभाषा के प्रश्न पर 14 सितंबर 1949 को काफी विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया जो भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में इस प्रकार वर्णित है। संघ की राज भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा। चूंकि यह निर्णय 14 सितंबर को लिया गया था। इस कारण हिन्दी दिवस के लिए इस दिन को श्रेष्ठ माना गया था। लेकिन जब राजभाषा के रूप में इसे चुना गया और लागू किया गया तो गैर-हिन्दी भाषी राज्य के लोग इसका विरोध करने लगे और अंग्रेज़ी को भी राजभाषा का दर्जा देना पड़ा। इस कारण हिन्दी में भी अंग्रेज़ी भाषा का प्रभाव पड़ने लगा।

वर्ष 1991 में इस देश में नव-उदारीकरण की आर्थिक नीतियाँ लागू की गई। इन तियों के तेजी से लागू हो पाने के पीछे जितने बड़े कारक थे सोवियत संघ में समाजवाद का पतन एवं इस देश के बड़े पूंजीपति घरानों की बढ़ती इजारादारी शायद उससे कहीं बड़ा, एवं सोवियत संघ के पतन के पीछे का भी, एक कारक था नई प्रौद्योगिकी का अभ्युदय । यह नई प्रौद्योगिकी एवं इससे उपजते हुये सेवा एवं उद्योग देश की अर्थनीति में कई सारे महत्वपूर्ण बदलाव लाये। सेवा क्षेत्र जिसका देश के सकल घरेलु उत्पाद में अंशदान 25% से भी कम था 50% से अधिक हो गया जबकि कृषि का अंशदान, भारत आज भी कृषि प्रधान देश होते हुये भी 20% से कम रह गया। इसका जबर्दस्त असर पड़ा भाषा की पढ़ाई पर अंग्रेजी के अलावा किसी दूसरे भाषा की पढ़ाई समय की बर्बादी समझा जाने लगा। जब हिन्दीभाषी घरों में बच्चे हिन्दी बोलने से कतराने लगे, या अशुद्ध बोलने लगे तब कुछ विवेकी अभिभावकों के समुदाय को थोड़ा थोड़ा एहसास होने लगा कि घर- परिवार में नई पीढ़ियों की जुबान से भाषा के उजड़ने, मातृभाषा उजड़ने लगी है।

जन-जन की भाषा है हिंदी ।

भारत की आशा है हिंदी ।

जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है।

वो मजबूत धागा है हिंदी ||

हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी ।

एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी ।

जिसके गर्भ से रोज नई कोंपलें फूटती है ।

ऐसी कामधेनु धरा है हिंदी |

जिसने गुलामी में क्रांति की आग जलाई ।

ऐसे वीरों की प्रसूता है हिंदी ।

जिसके बिना हिन्द थम जाए।

ऐसी जीवनरेखा है हिंदी | 

जिसने काल को जीत लिया है।

ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी |

सरल शब्दों में कहा जाए तो ।

जीवन की परिभाषा है हिंदी ||

कवी : किशोरसिंह निलकंठ

हिंदी दिवस का महत्व : हिंदी दिवस - भारत में स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, संस्थाओ कार्यालयों के अधिकारी, प्राइवेट ऑफिस के अधिकारी और शैक्षणिक संस्थाए बड़ी धूम-धाम से मनाती है। जिसमे विविध कार्यक्रमों का आयोजन और हिंदी से संबंधित स्पर्धाओ का आयोजन किया जाता है, जैसे की हिंदी कविताये, कहानी लेखन, निबंध लेखन, हिंदी भाषा के महत्त्व, उपयोग और कुछ रोचक तथ्यों के बारे में लोगो को बताया जाता है।

भारत में ज्यादातर लोग बातचीत करते समय हिंदी भाषा को ही प्राधान्य देते है, बचपन से ही हमें अपने घरो में हिंदी भाषा का ज्ञान दिया जाता है। हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में से एक है। हिंदी भाषा कई दुसरे देशो में भी बोली जाती है जैसे की पकिस्तान, नेपाल, मॉरिशस, बंगलादेश, सूरीनाम, इत्यादि । हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसका उपयोग करोड़ों लोग अपनी मातृभाषा के रूप में करते है।

हिंदी दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा विविध अवार्ड और पुरस्कार भी दिये जाते है, नयी दिल्ली के विज्ञान भवन में हिंदी के क्षेत्र में अमूल्य कामगिरी करने वाले लोगो को यह पुरस्कार दिये जाते है। इसके साथ ही कई डिपार्टमेंट, मिनिस्ट्री और राष्ट्रीयकृत बैंको को भी राजभाषा अवार्ड दिया जाता है। हिंदी दिवस पर दिये जाने वाले दो अवार्ड का नाम गृह मंत्रालय द्वारा 25 मार्च 2015 को बदला गया था । जिसमे राजीव गांधी राष्ट्रिय ज्ञान-विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार को बदलकर राजभाषा गौरव पुरस्कार और इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कार को बदलकर राजभाषा कीर्ति पुरस्कार रखा गया था।

हिंदी भाषा के पास तुलसीदास, सूरदास और अन्य महान कवि हो, उस भाषा की शक्ति का पता उनकी रचनाओं को पढ़कर आप लगा सकते हैं.

अब हम हॉलीवुड की मूवी को हिंदी में देख सकते हैं इसका मुख्य कारण यह है कि विदेशी लोगो को भी पता हैं यदि भारत में बिज़नस को एक नये आयाम पर ले जाना हैं तो हिंदी भाषा को हमें अपने बिज़नस के साथ मिलाना होगा. गूगल जैसे अन्य बड़ी कंपनी भी हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए नए-नए कदम उठा रही हैं और अपनी पहुँच उन लोगो तक बना रही हैं जो लोग केवल हिंदी जानते हैं.

हिंदी वह भाषा जो किसी भी देश के अधिकतर निवासियों द्वारा बोली एवं समझी जाती है, वह राष्ट्रभाषा कहलाती है। प्रत्येक राष्ट्र की कोई न कोई राष्ट्रभाषा अवश्य होती है । हमारे देश भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी है जो कि भारत के अधिकतर राज्यों के लोगों द्वारा बोली एवं समझी जाती है। देश की राष्ट्र भाषा का सम्मान करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य होता है।

हिंदी का करिये सब सम्मान

ये है प्रेम और सोहार्द का दूजा नाम ।

हर भारतवासी का है सम्मान

दिल से बोलो हिंदी है महान ।

बहोत से ऐसे लोग है जो अपनी अच्छी हिंदी के बल पर काफी लोकप्रियता पायी हैं । हमें अपने भाषा का सम्मान करना चाहिए और इसके प्रति खुद को और दूसरो को भी जागरूक करना चाहिए।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक भारतीय द्वारा हिंदी भाषा के विकास के लिए हम सब वचनबद्ध हो जाए । इतना कहकर मै मेरी प्रस्तावना को पूर्णविराम देता हूं धन्यवाद !!

(हिंदी दिवस पर छात्रो और शिक्षकों के भाषण )

अध्यक्षीय भाषण :

आज के कार्यक्रम के अध्यक्ष श्रीमान / सौ. ____ को मै विती करता हूं कि वे अपनी मौलिक विचार प्रकट करे, ताकि उनके बहुमूल्य और प्रेरणादायक विचार निश्चित रूप से हमारे छात्रों की प्रगति और समृद्धि के लिए मार्गदर्शक हों। मैं उनसे अपने मौलिक विचार प्रकट करने की विनती करता हूं. धन्यवाद !!

हमारे छात्रों को निश्चित रूप से सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिए गए मार्गदर्शन से लाभ होगा, और वे निश्चित रूप से प्रगति करेंगे ।

आभार :

आभारी हू मै सब का

दिया मौलिक विचारोंका प्रसाद ।

हर एक पथ पर स्नेह मिलता रहे

इसी विनती के साथ...

सब का धन्यवाद ।

सभी गणमान्य व्यक्ति आज के हिंदी दिवस कार्यक्रम के लिए उपस्थित हुए उन सब का मै एक बार फिर से धन्यवाद करता हूं ।

आज के कार्यक्रम के आयोजन के लिए जिन्होंने कड़ी मेहनत और अपना योगदान दिया है और प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से काम किया है उन सब का भी बहोत बहोत धन्यवाद ।

गूंज उठे भारत की धरती,

हिन्दी के जय गानों से ।

पूजित पोषित परिवर्द्धित हो

बालक वृद्ध जवानों से ।।

आदरनीय अध्यक्ष कि अनुमती से आज का हिंदी दिवस का कार्यक्रम यहा पर संपन्न हुआ ऐसी मै घोषणा करता हुं ।

!! जय हिंद, जय भारत, जय महाराष्ट्र !!

(सूत्रसंचालन में प्रस्तुत हिंदी शायरी / पंक्तीया संकलित है। मैं ज्ञात / अज्ञात उन सभी कवियों / लेखको का धन्यवाद करता हूं । प्रत्यक्ष रूप के कार्यक्रम के आयोजन में लचीलापन होना स्वाभाविक है, इसलिए आप इसमे अपने स्तर पर बदलाव सकते हैं। )

Disclaimer : वरील माहिती हि स्वनिर्मित असून, ब्लॉगवरील माहिती कोणत्याही वेबसाईटवर / युट्युब चॅनलवर कॉपी करू नये.

निर्मिती : गिरीश दारुंटे, मनमाड-नाशिक

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