प्रिय छात्रों, हम हर साल स्वतंत्रता दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। लेकिन आज हम आजादी के अमृत का जश्न मनाते हैं, यानी हमारे देश भारत को आजादी मिले 75 साल पूरे हो चुके हैं। पूरे देश में हम सामान्य से अधिक उत्साह और विभिन्न गतिविधियों के साथ मना रहे हैं।
स्वतंत्रता जो हमें हमारे पूर्वजों ने 15 अगस्त 1947 को दिलाई एक ऐसी सुनहरी तारीख जिसके कारण हम आज आजाद भारत में सांस ले रहे हैं। इस आजादी के मोल में कई शहीदों ने अपनी जान की किमत चुकाई । तब जाकर हमें आजाद भारत की छत मिल पाई हैं अब हमारा कर्तव्य हैं कि हम उन शहीदों को श्रद्धांजलि के रूप में भारत देश का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवाये।
भारत भूमि माँ स्वरूप मानी जाती हैं। देशवासी भारत माता के बच्चे हैं । अपनी माँ के लिए कर्तव्य निभाने वाले शहीद ही माँ की सच्ची संताने हैं। शहीद के लिए जितना कहे कम हैं। एक ऐसा महान व्यक्ति जो अपने कर्तव्य के आगे अपनी जान तक को तुच्छ मानता है। उसके लिए शब्दों में कुछ कह पाना आसान नहीं। पर हम सभी लोग जिन्हें जान देने का मौका नहीं मिलता या कहे हममे उतनी हिम्मत, ताकत नहीं हैं। हम भी देश के लिए कार्य कर सकते हैं. जरुरी नहीं जान देकर ही देशभक्ति का जस्बा दिखाया जाये. हमें अपने कर्तव्यों अधिकारों के प्रति सजक होना होगा उनका निर्वाह करना होगा. यह उन शहीदों, देश भक्तो एवम मातृभूमि के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
देश भक्ति प्राण न्यौछावर करके ही निभाई नहीं जाती। देश के लिए हर मायने में वफादार होना भी देश भक्ति हैं। देश की धरोहर की रक्षा करना, देश को स्वच्छ बनना, कानून का पालन करना, भ्रष्ट्राचार का विरोध करना, आपसी प्रेम से रहना आदि यह सभी कार्य देशभक्ति के अंतर्गत ही आते हैं। देश के लिए वफादार बनना ही सही मायने में देश की सेवा हैं इससे देश भीतर से मजबूत होता हैं। देश में एकता बढती हैं और एकता ही देश की शक्ति होती हैं।
आने वाली पीढ़ी को शिक्षित किया जाये। अच्छे बुरे की समझ दी जाये | आदर, सम्मान एवम देशभक्ति का मार्ग दिखाया जाये। इसके बाद ही देश में बदलाव आ सकते हैं।
हमारा देश जिसका ध्वज तीन रंगों से मिल कर बना हैं जिसमे केसरिया रंग जो प्रगति का प्रतीक हैं, सफ़ेद जो अमन एवं शांति का प्रतीक हैं, हरा जो समृद्धि का प्रतीक हैं । साथ में अशोक चक्र जो हर पल बढ़ते रहने का सन्देश देता हैं। तिरंगे का सफ़ेद रंग पूरी दुनियाँ को शांति का सन्देश देता हैं। याद रखियेगा लड़ते वही हैं जिनमे शिक्षा का आभाव होता हैं। अगर किसी देश की प्रगति चाहिए तो उस देश का शिक्षा स्तर सुधारना सबसे जरुरी हैं
स्वतंत्रता दिवस पर केवल शहीदों को याद करना राष्ट्रीय सम्मान करना | देश भक्ति की बाते करने के अलावा हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि रोजमर्रा के कार्य में देश के लिए सोच कर कुछ करे जिसमे देश की सफाई, अपने बच्चो एवम आस-पास के बच्चो को एक सही दिशा देने के लिए कुछ कार्य करें, गरीब बच्चो को पढ़ने में मदद करें, बुजुर्गो को सम्मान दे, गलत को गलत कहने की हिम्मत रखे जान बुझकर या अनजाने में भी भ्रष्टाचार का साथ ना दे एवम सबसे जरुरी देश के नियमो का पालन करे। अगर हम रोजमर्रा में इन चीजो को शामिल करते हैं तो देश जरुर प्रगति करेगा और हम सभी भी देश के सपूत कहलायेंगे।
15 अगस्त, 26 जनवरी केवल यह दो दिनों के मौहताज ना बने मातृभूमि इस दिन का इन्तजार नहीं करती। वो तो उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब देश की भूमि पर भ्रष्टाचार का नाम न हो, जब बेगुनाहों का कत्लेआम ना हो, जब माता-पिता को वृद्ध होने का संताप ना हो ऐसे दिन के इंतज़ार में मातृभूमि आस लगाये बैठी हैं क्यूँ न यह सौभाग्य हमें मिले और हम अपने छोटे से कार्य का योगदान देकर मातृभूमि की इस इच्छा को करने के लिए एक नीव का मूक पत्थर बन जायें।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक भारतीय द्वारा देशप्रेम और देशभक्ति को ध्यान में रखते हुए देश के विकास के लिए हम सब वचनबद्ध हो जाए। इतना कहकर मै मेरी प्रस्तावना को पूर्णविराम देता हुं धन्यवाद !!
!! जय हिंद, जय महाराष्ट्र !!
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🎼 सुबह सवेरे लेके तेरा नाम प्रभु
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